शादी का मजाक ,संस्कृति का मजाक ,भारतीयता का मजाक -किसी ने कहा है "ऐसी औलाद से तो बेऔलाद अच्छे"
क्या सानिया मजहब, देश सब से ऊपर है -वक़्त का इन्तिजार करे
डॉ.मिनोचा
सोमवार, 12 अप्रैल 2010
रविवार, 11 अप्रैल 2010
सानिया मिर्ज़ा-सोच कर देख
सानिया मिर्ज़ा -जिस को न देश व निज धरा पर अभिमान है ,वोह नर नहीं नरपशु निरा है और मृतक सामान है
पैसे के लिए मैच फ़िक्सेर से शादी न करो ,पैसा साथ नहीं जायेगा
वोह आयशा का नहीं हुआ ,तेरा क्या होगा ,उसकी सोच
तेरे से खेलेगा ,जब तू सोने के अंडे नहीं देगी ,तेरे को छोड़ तेरे से खूबसूरत के पास चला जाय गा
शोएब झूठा और ऐयाश है ,सब जानते है
हिंदुस्तान तेरा अपना है तू उसे ठुकरा रही है ,पाकिस्तान की नीव ही गलत है
अभी भी संभल जा ,नहीं तो वक़्त आये गा की रोने के लिए कन्धा भी नहीं मिले गा
डॉ मिनोचा
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