गुरुवार, 5 नवंबर 2009

सिखों का नरसंहार -२५ वर्ष

१९८४ में श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद सिखों का नरसंहार हिंदुस्तान के इतिहास में एक ऐसा अध्याय है जिसके कारण हर सच्चे भारतवासी की आत्मा हमेशा उसे ही कचोटती रहेगी क्योंकि तब भी वो मजबूर था देखने के लिए - चंद राजनेताओं के द्वारा प्रायोजित एवं नेतृत्व की हुई गुंडागर्दी , बर्बरता एवं आज भी ये देखने के लिए की वो सत्ता के गलियारे में आजाद, बेशर्मों की तरह घूम रहे हैं।
आम भारतवासी चाहे वो किसी भी धर्म या सम्प्रदाए से सम्बंधित होगा वो सच्चे मन से यही चाहेगा की उन असामाजिक तत्वों को सरेआम चौराहे पर गोली मार दी जाए जिन्हों ने अपने ही भाईयों के ऊपर इतना ज़ुल्म किया ।
मेरे माता पिता विभाजन के वक्त पाकिस्तान से आए थे, मैं भी एक mona punjabi हूँ । पहले हमारे gharon में बड़ा बेटा sikh बनाया जाता था- ये सोच कर की इसे देश, kaum की raksha के लिए समर्पित किया । sharm आती है की हमारे राजनेताओं ने हमारे ही bhayiyon को हमसे अलग करने की saazish के tehet नारा दिया "हिंदू ,muslim, sikh, isaai , apas में हैं भाई भाई "। are bhai !ये to देखा होता की इतिहास क्या है- sikh to poojniya shri guru गोविन्द singh जी sahab ने हिंदू kaum की raksha के लिए inhi में से बनाई थी एक fauj, जो हमेशा देश, kaum की raksha के लिए एक deewar बन कर खड़ी रहती है, उसे ही उन्होंने इस naare में हिन्दुओं से अलग कर दिया और अपनी रही सही aukaat ८४ के dangon में दिखा दी।
एक बार ऐसे लोगों को अगर उन्हीं के दिखाए raston के hisaab से chauraahon पर सज़ा दे दी जाए, जो तरीका शायद ग़लत ही है, मगर इनके लिए ज़रूरी है - to आने वाला कल shayad समाज को सही disha दे दे , नही to हम सब की मौन swikriti to है ही - आने वाले एक barbar समाज के nirmaan के लिए।
dr minocha

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही मार्मिक और महत्वपूर्ण लेख लिखा है आपने।

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  2. पहले हमारे gharon में बड़ा बेटा sikh बनाया जाता था- ये सोच कर की इसे देश, kaum की raksha के लिए समर्पित किया । sharm आती है की हमारे राजनेताओं ने हमारे ही bhayiyon को हमसे अलग करने की saazish के tehet नारा दिया "हिंदू ,muslim, sikh, isaai , apas में हैं भाई भाई "। are bhai !ये to देखा होता की इतिहास क्या है- sikh to poojniya shri guru गोविन्द singh जी sahab ने हिंदू kaum की raksha के लिए inhi में से बनाई थी ....

    सही कहा आपने .....जानकर अच्छा लगा आप भी सिख हैं ...कित्थे रहंदे हो तुस्सीं .....??

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  3. हरकीरत जी ,चंगा लगया तुआनु मेरा लिख्या, ऐ ते ठीक है पर में चांदा हाँ लोकी सच्चाई नु समझन . रहन आला मैं हुन आगरा दा हाँ , शुक्रिया
    डॉ. मिनोचा

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  4. इन्तिअह ...??

    Daktar sahab .... aasin te hatth vi नहीं lande .....!!

    nazm te nazm hundi aa बस....!!

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