हमारे राजनीतिज्ञों को लगता है की सारी की सारी जनता बेवकूफ है, रोज़ नई नौटंकी, इकोनोमी क्लास में सफर फिर शीशे टूटना, क्या सारी जनता अंधी है?बंद होनी चाहिए ये बेवकूफियां। दिखावा ये की पैसा बचा रहें हैं मगर साथ में जो ताम-झाम चलता है, बाद में पागलों की तरह फोरेंसिक टीम रेलवे ट्रैक पर घूमती है, पुलिस का पूरा महकमा जांच में लग जाता है, उसमे तो खर्च होता ही नही!
मजेदार बात बताऊँ कि अब ये चालाक नेता(जबरदस्ती के) फिर पहले की तरह सफर करेंगे- सुरक्षा के नाम पर और इसके लिए भी जनता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, क्यों बन गई न जनता बेवकूफ?
डॉ मिनोचा
रविवार, 20 सितंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पब्लिक ये सब जानती है फिर भी इन्ही से उल्लू बनती है . बहुत सही डाक्टर साब .
जवाब देंहटाएंbahut sahi kaha dr sahab , ye public hai ye sab jaanti hai.
जवाब देंहटाएं